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आंदोलन के 38 दिन बाद भी छात्र विवेक से नहीं मिलने आया कोई प्रशासनिक अधिकारी।

चांदा ब्लास्ट प्रतिनिधी. अविनाश नागदेवे

हिंदी विश्वविद्यालय के छात्र विवेक मिश्रा पिछले 38 दिनों से विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं इस बीच उन्होंने 11 दिन की भूख हड़ताल भी की थी, लेकिन इसके बाद भी प्रशासन की तरफ से छात्र विवेक से कोई मिलने नहीं आया है। बता दें कि छात्र विवेक को 27 जनवरी को उनकी किसी सोशल मीडिया पोस्ट को अधार बनाते हुए विश्वविद्यालय ने उन्हें निलंबित कर दिया था और जब 07 फरवरी को भूख हड़ताल के दौरान उनकी तबियत बिगड़ी और वे icu में भर्ती हुए तब उन्हें विश्वविद्यालय से निष्कासित कर दिया गया था।

विवेक का आरोप है कि 27 जनवरी को निलंबन की सूचना मिलने के कुछ देर बाद ही उन पर जनलेवा हमला करते हुए विश्वविद्यालय से बाहर फेंक दिया गया। इस दौरान उन्हें चोटें भी आई जिसकी शिकायत रामनगर थाने में कई जा चुकी है। लेकिन अभी तक हमलावरों पर प्राथिमिकी दर्ज नहीं हुई है।

हिंदी विश्वविद्यालय के छात्र विवेक अपने निलंबन व निष्कासन से सम्बंधित मसले में उच्च न्यायालय नागपुर में अपील दाखिल कर चुके हैं। जिसमें उच्च न्यायालय ने दोनों आर्डर वापसी के लिए विश्वविद्यालय के कुलसचिव धरवेश कठेरिया को हलफनामा दायर करने को कहा था। 28 फरवरी को हुई सुनवाई में उच्च न्यायालय ने कहा कि वह कुलसचिव के हलफनामे से असंतुष्ट है और इसी मामले में कुलपति भीमराव मैत्री को हलफनामा दायर करने के लिए कहा है। आगे बताया दें कि उच्च न्यायालय ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति भीमराव मैत्री छात्रों के प्राकृतिक न्याय के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

छात्र विवेक का कहना है कि न तो विश्वविद्यालय प्रशासन कोई संज्ञान ले रहा है और न ही स्थानीय प्रशासन से उन्हें कोई संतोषजनक मदद मिल पा रही है।

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