भ. महावीर औंर श्रीकृष्ण में अनेक समानता|
हर साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी बहुत ही श्रद्धा भाव से मनाया जाता हैं|
चांदा ब्लास्ट जिल्हा प्रतिनिधी
जितेंद्र चोरडिया, चंद्रपूर
जिस तिथी के साथ महापुरुष का संपर्क होता है वह तिथी भी समयपर स्मरण की जाती है वर्षभर में २४ अष्टमियां होती हैं पर कोई भी तिथी जन्माष्टमी नहीं होती आज की तिथी जन्माष्टमी का रूप लेकर आइ हैं आज का दिन संदेश लेकर आया गोकुल अष्टमी उस रंगिले महापुरुष की जयंती मनाने का श्री कृष्ण का जन्म अन्याय, अत्याचार, को खत्म करणे के लिये होता हैं श्रीकृष्ण का जन्म ऐसी परिस्थीतीयो में हुआ की विषम एवं विचित्र थी की कूछ भी कहा नहीं जा सकता जन्म के समय कोई थाली, बाजा, खुशी मनाने वाला कोई नहीं था
भ. महावीर औंर श्रीकृष्ण बहुत कूछ मिलता जुलता हैं श्रीकृष्ण का जीवन उत्सव से मनाते हैं भ. महावीर का निर्वाण उत्सव से मनाते हैं दोनों ने दो माताओ का स्नेह पाया, दोनो ने कालिया नाग पर दमण किया अंगुठे से भ. म. ने मेरू पर्वत को हिलाया. श्रीकृष्ण में जमुना के उफान को शांत किया एक ने चंदन वाला का उहार किया तो एक तो एक ने द्रोपदी का एक ने आगमन के लिये गौतम को चुना तो एक ने गीता के लिये अर्जुन को चुना इस संसार में कृष्ण ही एक ऐसे महापुरुष हूये जिंन्होने नं सन्यास लिया ना कोई साधना की फिर भी भगवान की तरह पुजे गये
आज सुभाषजी खटोड का मासखमण पूर्ण हुआं चंद्रपूर में चौथा मासखमण “””” “! २ मासखमण चल रहे हैं!